दोस्तों आप सब लोगो को पता ही होगा की हमारे पूरे भारत देश में हर साल 14 जनवरी के दिन मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है।
लेकिन यह त्योहार क्यू मनाया जाता है और मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही क्यों मनाते है इसके बारे में ज्यादातर लोगो को मालूम नही होता है।
इसलिए आज की इस पोस्ट में हम इसी के बारे में जानेंगे की मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है।
तो ये सब जानने के लिए पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िएगा।
मकर संक्रांति क्यों मनाते है?
- दोस्तों हिंदू राशि के अनुसार जब सूर्य एक राशि से दूसरी में प्रवेश करता है तब संक्रांति होती है।
- इसी के अनुसार संक्रांति का नाम उस अनुसार होता है, जिस राशि में सूर्य का प्रवेश हो रहा होता है।
- सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होने के कारण इसे मकर सक्रांति कहते है।
- मकर सक्रांति का त्योहार जनवरी में उस समय मनाया जाता है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है।
- मकर सक्रांति का यह त्योहार पूरे देश में अलग अलग नाम से जाना जाता है।
- जैसे की कर्नाटक में इसे संक्रांति, तमिलनाडु में पोंगल, पंजा में लोहड़ी और गुजरात और राजस्थान में उतरायण के नाम से जाना जाता है।
FAQ
नीचे आपको ज्यादातर लोगो के द्वारा पूछे गए सवाल और उसके जवाब दिए गए है।
मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
हिंदू धर्म में त्योहार का निर्धारण चंद्र पंचाग यानी की चंद्र की गति के आधार पर होता है लेकिन मकर सक्रांति का त्योहार हमेशा से अपवाद रहा है इसलिए मकर सक्रांति का निर्धारण सूर्य की गति के आधार पर होता है, इसी कारण से यह त्यौहार हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है।
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अंतिम शब्द
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