दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम एक ऐसी कंपनी के बारे में जानेंगे जो कि पहले सिर्फ एक स्टार्टअप था लेकिन अब एक बहुत बड़ी फूड टैक कंपनी बन चुकी है।
यानी कि आज हम Zomato के बारे में जानेंगे, आप लोगो ने अक्सर ये नाम सुना होगा और आपको पता भी होगा कि Zomato क्या है।
लेकिन काफी सारे लोग ऐसे है जिन्हें Zomato का Business Model नहीं पता है।
इसलिए आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे कि Zomato पैसा कैसे कमाता है।
तो ये सब जानने के लिए पोस्ट को पूरा जरूर पढ़िएगा।
Zomato क्या है?

- Zomato एक भारतीय ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी और रेस्टोरेंट डिस्कवरी प्लेटफ़ॉर्म है।
- यह ग्राहकों को उनके नज़दीकी रेस्टोरेंट से भोजन ऑर्डर करने, रिव्यू पढ़ने, टेबल बुक करने और रेस्टोरेंट के बारे में जानकारी प्राप्त करने की सुविधा देता है।
- Zomato एक मल्टी-रेवेन्यू बिजनेस मॉडल पर काम करता है।
- यह सिर्फ फूड डिलीवरी तक सीमित नहीं है, बल्कि ये रेस्टोरेंट को डिजिटल सेवाएँ, ग्रोसरी सप्लाई, विज्ञापन और मेंबरशिप जैसी कई सेवाएँ देता है।
- आज के समय में Zomato भारत की सबसे बड़ी फूड टेक कंपनियों में से एक है।
Zomato Business Model
- Zomato का बिजनेस मॉडल “ऑन-डिमांड फूड डिलीवरी मॉडल” पर आधारित है और यह तीन हिस्सों में बटा हुआ है।
- B2C (Business to Customer) – इसमें ग्राहक ऐप के माध्यम से खाना ऑर्डर करते हैं, जिसे Zomato रेस्टोरेंट से पिक करके उनके घर तक डिलीवर करता है।
- B2B (Business to Business) – इसमें Zomato रेस्टोरेंट को किचन सप्लाई, टेक्नोलॉजी और अन्य सेवाएँ प्रदान करता है।
- सेवाएँ – जैसे कि विज्ञापन, Zomato Gold और अन्य मेंबरशिप प्लान।
Zomato पैसा कैसे कमाता है?
- Zomato के पैसे कमाने के बहुत सारे स्त्रोत मौजूद है जैसे कि…
- कमीशन (Commission on Orders) — जब ग्राहक किसी रेस्तरां से खाना ऑर्डर करता है, तो Zomato उस ऑर्डर पर रेस्टोरेंट से 15% से 30% तक कमीशन लेता है, यह कमीशन ऑर्डर की वैल्यू और रेस्टोरेंट की लोकप्रियता पर निर्भर करता है।
- फूड डिलीवरी चार्ज (Delivery Charges) — इसमें ग्राहकों से डिलीवरी चार्ज वसूला जाता है, जो ₹20 से ₹100 तक हो सकता है, यह दूरी और ऑर्डर की डिमांड पर निर्भर करता है।
- Zomato Gold & Pro मेंबरशिप — Zomato ने एक प्रीमियम मेंबरशिप प्लान Zomato Gold/Pro लॉन्च किया है, जिसमें ग्राहकों को रेस्तरां में डिस्काउंट और फ्री डिश ऑफर मिलते हैं, इस सब्सक्रिप्शन से कंपनी को रेगुलर इनकम मिलती है।
- विज्ञापन (Advertisements)— इसमें रेस्टोरेंट Zomato को पैसे देते हैं ताकि वे अपने रेस्टोरेंट को ऐप पर टॉप लिस्टिंग में दिखा सकें, यह स्पॉन्सरशिप मॉडल के तहत आता है, जिसमें रेस्टोरेंट को ज्यादा ऑर्डर मिलते हैं और विज्ञापन से Zomato की कमाई होती है।
- B2B सेवाएँ (Hyperpure)— Zomato Hyperpure नामक एक सर्विस चलाता है, जिसमें यह रेस्टोरेंट को फ्रेश ग्रोसरी, सब्जियां और किचन की चीजें बेचता है, यह रेस्टोरेंट के लिए एक वन-स्टॉप सॉल्यूशन है क्योंकि उन्हें सबकुछ एक जगह से मिल जाता है।
- Zomato White Label Services — इसमें Zomato रेस्टोरेंट को टेक्नोलॉजी, वेबसाइट और क्लाउड किचन सेटअप जैसी सेवाएँ प्रदान करता है, जिससे वे ऑनलाइन बिजनेस बढ़ा सकें और बदले में Zomato कंपनी फीस चार्ज करती है।
- इवेंट्स और प्रमोशन — Zomato कई फ़ूड फेस्टिवल और प्रमोशनल इवेंट्स आयोजित करता है, जहां से इसे टिकट सेल और स्पॉन्सरशिप से कमाई होती है।
अंतिम शब्द
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