4 Steps To Avoid Losses In Stock Market & Mutual Fund (Hindi)

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दोस्तों कोई भी इन्वेस्टमेंट करने से पहले एक बार यह आर्टिकल जरूर पढ़ लेना।

क्योंकि आज का यह आर्टिकल आपको अपने लाइफ में इन्वेस्टमेंट करने और पर्सनल फाइनेंस को समझने में बहुत ही उपयोगी होगा।

तो दोस्तों मेरा नाम है Azaz Kaladiya और अब हम इसी आर्टिकल को समझना शुरु करते है।

दोस्तों अगर आपने 10th और 12th क्लास पास नहीं करी है तो क्या कॉलेज में आपको एडमिशन मिलेगा?

ठीक उसी तरह अगर आप इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो सबसे पहले कुछ चीज़ें फॉलो करना जरूरी है।

तो आज की इस पोस्ट में हम जानेगे 4 Steps to avoid losses in stock market & mutual fund investment in Hindi.

यानी कि आज में आपको 4 ऐसी चीज़ो के बारे में बताऊँगा जो आपको इन्वेस्टमेंट करने से पहले जरूर पूरी कर लेनी चाहिये।

Investment करने से पहले ये 4 चीज़ जरूर करें।

Investment karne se pahle ye 4 bate jarur yad rakhna

तो दोस्तों किसी भी प्रकार की इन्वेस्टमेंट करने से पहले आपको अपने ऊपर देख लेना चाहिये और अपने आपको और अपने इन्वेस्टिंग स्टाइल को समझ लेना चाहिये।

तो आज मैंने आपके लिये पांच पॉइंट बनाए है अगर ईन पांचों पॉइंट को आप फॉलो करते हैं और उसपे आपका टिक लग जाता है तो आप इन्वेस्टमेंट की जर्नी में रेडी हैं।

लेकिन अगर किसी भी एक पॉइंट पे आपको लगता है की यह पॉइंट अभी मैं फॉलो नहीं कर रहा हूं यानी कि फुलफिल नहीं कर रहा हूं तो रुक जाओ और पहले उसे पूरा करने की सोचों।

क्योंकि अगर आपने उस स्टेप को पूरा किये बगैर इन्वेस्ट कर भी दिया तो भी आपको लॉस ही होगा।

Step 1 – लोन बंद करें। (Close Loan)

सबसे पहला पॉइंट ये है कि अगर आपका कोई भी अभी लोन चल रहा है तो आपको सबसे पहले उसे बंद करना है और अगर आप फ्यूचर में कोई लोन लेने का भी सोच रहे हो तो आपको उस सोच को भी खत्म करना है।

क्योंकि इन्वेस्टमेंट का मतलब होता है की पैसे को किसी जगह इन्वेस्ट करके उसे बढाना और उसको मल्टीप्लाई करना और लोन का मतलब होता है जो मैंने पैसा अभी कमाया ही नहीं है उस पैसे को भी गवाना।

तो अगर आपका कोई लोन चल रहा है तो सबसे पहले तो लिस्ट बना लो की आप पर कितने लोन चल रहे हैं और कौन सा लोन बंद करने के लिए आपने कौन सा लोन और ले लिया है और हर लोन पे जो एक इंटरेस्ट रेट फिक्स है कि आपको हर महीने हर साल पे आपको 9% या 10% देना है।

तो अगर आप लोन खत्म कर देते हैं तो सीधा-सीधा अगले दिन से ही आपको 10% एक साल का रिटर्न स्टार्ट हो जाएगा क्योंकि आपने अपना लोन बंद कर दीया तो जितना पैसा आपका इन्ट्रेस्ट के रूप में जा रहा था उसको आपने बचा लिया।

तो कहां आप दिमाग लगा के इन्वेस्टमेंट पे जा रहे हैं एफडी कर रहे हैं 6% और 7% पर, जबकि अभी आपकी ऑलरेडी लोन चल रही है। तो इन्वेस्टमेंट करने से पहले आपका सबसे पहला काम यही है कि अगर आपके पास कहीं से भी पैसा आता है तो आपको सबसे पहले अपने सारे लोन खत्म करने है।

क्योंकि इन्वेस्टमेंट क्या होता है की मान लो मैं जीरो पे बैठा हूं और मेरे पास ₹1 आए तो मेरे पास ₹1 एक्स्ट्रा आ गए तो उसको मैं इन्वेस्ट करने का सोचूंगा ताकि वो ₹1 से ज्यादा पैसा मैं कमा पाऊं।

लेकिन अगर मैं जीरो पे बैठा हूं और मैंने लोन ले लिया तो मैं -1 पे चला गया क्योंकि जब तक आप लोन खत्म नहीं करेंगे तब तक आप -1 पे ही हैं।

और इन्वेस्टमेंट वही कर सकता है जो 0 पे बैठा हो या 1 पे बैठा हो और अगर आप लोग ये सोच रहे हो करने का कि हम यहां से पैसा लेके यहां से डबल करके इनको वापस कर देंगे तो ये ज्यादातर केस में सक्सेसफूल नही है।

इसलिये सबसे पहले अपनी लाइफ को सुलझाओ और जितने लोन चल रहे हैं उसके लिस्ट बनाओ की कितना-कितना लोन चल रहा है और कितना-कितना अमाउंट बाकी है और इस लोन पर कितना-कितना इंटरेस्ट आप दे रहे हो तो इन सबकी एक लिस्ट बनाओ।

और जब आप लिस्ट बनावोगे तो यहां पे आपको पता चलेगा की 10% से लेकर 12% और कुछ लोन पर 20% आप हर साल सिर्फ इंटरेस्ट ही दे रहे हो तो सीधा-सीधा इन लोन को खत्म कर दो।

इसलिये इन्वेस्टमेंट करने से पहले लोन को खत्म करना है उसके बाद ही इन्वेस्टमेंट के बारे में सोचना है।

Step 2 – Emergency Fund

उसके बाद आता है सेकंड पॉइंट जो कि है इमरजेंसी फण्ड और इन्वेस्टमेंट स्टार्ट करने से पहले आपको इस स्टेप पर भी टिक लगाना है यानी कि आपके पास एक इमरजेंसी फंड होना चाहिए।

इमरजेंसी फंड क्या होता है उसके पहले ये समझो की अभी आप महीने के महीने कुछ पैसे कमा रहे होंगे क्योंकि जब तक आप पैसा नहीं कमाएंगे तब तक इन्वेस्टमेंट के बारे में आप सोच भी नहीं सकते क्योंकि पैसा कमाना मेन है इन्वेस्टमेंट तो सेकेंडरी है।

अगर हर महीने आप पैसा ही नहीं कमा रहे तो उसको इन्वेस्ट कहां करोगे तो आपको समजाने के लिये मैं ये मान लेता हूं कि आपकी कोई ना कोई जॉब होगी जिससे कुछ ना कुछ आप काम कर रहे होंगे और आपके पास हर महीने कुछ ना कुछ पैसा आ रहा होगा।

तो आपको वही पैसे को बचाना है यानी कि हमारे एक्सपेंसेस को कंट्रोल करना है, फिर जो पैसा बचेगा उसी को हम इन्वेस्ट करेंगे।

तो अगर आप इन्वेस्टमेंट की तरफ भाग रहे हो तो सबसे पहले आपको दाल रोटी खाना सीखना हैं तो दाल रोटी ये कहती है कि पहले मुझे एक इमरजेंसी फंड बनाना है तो जो भी मेरा मंथली पैसा आ रहा है और जितना भी मेरा अभी खर्चा हो रहा है उसको मल्टीप्लाई करो 6 से फिर जो भी एक अमाउंट बनता है इतना अमाउंट आपको सबसे पहले इकट्ठा करना है।

तो अगर आपके महीने का खर्चा 10 हजार है तो आपको 10000×6=60 हजार रुपये का इमरजेंसी फण्ड बनाना चाहिये।

और ये 6 महीने का एक इमरजेंसी फंड आपके बैंक अकाउंट में होना ही चाहिए कि कल को कुछ भी हो जाए तो आपको बस एक क्लिक करना है और ये सीधा पैसा आ जाएगा।

तो ये इमरजेंसी फंड का मतलब होता है इमीडिएट यानी कि अगले सेकंड मुझे वो पैसा चाहिए तो मुझे वो मिल जाए।

और अगर वही मैं इमरजेंसी फंड शेयर मार्केट में लगा दूं म्यूचुअल फंड में लगा दूं तो एक से दो और दो से पांच दिन भी लग सकता है और ये गारंटी भी नहीं है की जितना पैसा लगाया उतना ही पैसा मिलेगा।

तो सिंपल सादा लॉजिक रखो की इमरजेंसी फंड को अकाउंट का बैलेंस या एफडी करके रखलो, यानी कि मिनिमम आपको 6 महीने का एक रनवे बना के रखना है कि जितने भी आपके खर्चे हो रहे हैं उसके 6 महीने का रनवे आपके पास हो ताकि कल को आपकी जॉब चली जाती है तो 6 महीने गुजारने के लिए आपके पास पैसा हो।

Step 3 – Health & Term Insurance

तो अब बात करते है 3rd स्टेप की लेकिन उससे पहले में आपसे पूछना चाहता हु की ये जो आर्टिकल आप जिस मोबाइल में पढ़ रहे हो क्या उस मोबाइल पे स्क्रीन कार्ड लगा हुआ है? क्या उस पे कवर लगा हुआ है?

तो अब मुझे बताइये की ये क्यों लगाया आपने, इसीलिए ना कि वो फोन गिर जाए तो फ़ोन खराब ना हो।

तो भाई आप लोग फ़ोन पर कवर लगाते हो तो खुद पे इंश्योरेंस का कवर क्यों नहीं लेते?

अब आप ये सोचोगे कि इंश्योरेंस क्यों लूं, तो भाई में आपको बतादूँ की हर साल इंडिया में 14% से मेडिकल की जो सर्विसेस हैं वो इंक्रीज हो रही है और इंफ्लेशन बढ़ रहा है 14% से।

तो अब आपही एक बात बताओ की मान लो अगर कल आप रोड पे जाओ और पीछे से कोई आपको ठोक के चला जाए और आपके ऊपर 1₹ से लेकर 5₹ लाख का हॉस्पिटल का बिल आ गया तो आपका तो पूरा एक साल ही खराब हो गया।

क्योंकि आपने जो भी कमाया था हॉस्पिटल के एक बिल की वजह से आपके पूरे साल की कमाई चली गयी।

इसीलिए बोला जाता है कि मेडिकल इंश्योरेंश ले लेना चाहिए क्योंकि उसका जो रिटर्न है वो 1000% है, कभी आपको कुछ भी हो जाए तो जितने का कवर आपने लिया है उतना पैसा देने के लिए कंपनी बैठी हुई है और आपको सिर्फ हर साल उस कवर का प्रीमियम भरना है।

मेडिकल इंश्योरेंस के अलावा एक और इंश्योरेंस आपको लेना चाहिए और वो होता है लाइफ इंश्योरेंस जिसको बोलते हैं टर्म इंश्योरेंस।

अब मान लो आपकी एक फैमिली है और आप अकेले घर में कमा रहे हो तो अब कल को अगर आपको कुछ भी हो जाता है तो वो लॉस ऑफ लाइफ जो है वो उससे कवर हो जाती है।

अब मान लो की.. आप एक अकेले बंदे हो जो पूरा घर चला रहे हो कमा रहे हो और सारी चीजें कर रहे हो फिर अगर कल को आपको कुछ भी हो जाता है तो आपके परिवार वाले क्या करेंगे वो तो कोई जॉब भी नहीं करते तो उन्ही के लिए होता है टर्म इंश्योरेंस जिसमें आप एक छोटा से प्रीमियम देकर 60 साल तक अगर आपको कुछ भी होता है या अगर डेथ होती है तो वो कंपनी आपको डायरेक्टली उतने लाख या उतने करोड़ रुपये आपके फैमिली मेंबर्स को दे देगी जितने का अपने टर्म इन्शुरन्स लिया था।

तो इन शॉर्ट आसान भाषा मे समझे तो मेडिकल इंश्योरेंस आपको कुछ होता है तो आपको हॉस्पिटलाइज होगा तो उसका बिल वो कंपनी देगी और टर्म इंश्योरेंस होता है अगर आप इस दुनिया से चले जाते हैं तो आप जो भी एक वैल्यू सेट करके जाएंगे यानी कि 50 लाख का टर्म इंश्योरेंस है या 1 करोड़ का टर्म इंश्योरेंस है तो अगर आपको कुछ होता है तो आपकी फैमिली मेंबर्स को उतना पूरा अमाउंट एक साथ मिल जाएगा।

जिससे आपके जाने के बाद भी वह अपनी जिंदगी उसी तरह से ही सकते है जिस तरह पहले जीते थे।

तो इन शार्ट आपके पास एक मेडिकल इन्शुरन्स और एक टर्म लाइफ इन्शुरन्स तो होना ही चाहिये।

Step 4 – Earning बढ़ाने पर Focus करें?

अब अगर आपके तीनों पॉइंट टिक हो गए हैं यानी कि लोन खत्म कर दिया है इमरजेंसी फण्ड बैंक में पड़ा हुआ है उसके बाद हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस ले लिया है।

तो अब बात आती है इन्वेस्टमेंट करने की लेकिन इन्वेस्टमेंट करने से पहले Earning भी जरूरी होती है।

लेकिन अगर Earning ही नहीं है तो इन्वेस्टमेंट कहां से करूं इसलिये पहले पैसा कैसे कमाऊं ये बात सोचो और काम करो कि ताकि आप ज्यादा से ज्यादा पैसा कमा सको।

फोर्थ पॉइंट में यही है की आपको फोकस रखना है Earning पे क्योंकि इन्वेस्टमेंट सेकेंडरी होता है।

जब आपके पास पैसा ये सब करने के बाद बच जाता है फिर आप दिमाग लगाते हो कि ये पैसे को में कहीं ऐसी जगह लगा दूं ताकि जो जो मैं चीज कर रहा हूं हर महीने उसका पैसा तो मुझे मिल रहा है लेकिन जो एक्स्ट्रा पैसा मेरा बन रहा है वो मैं इन्वेस्ट कर दूं।

ताकि वो पैसा खुद ही अपने आप को ग्रो करे जैसे एक प्लांट ग्रो करता है।

लेकिन इससे पहले अर्निंग पे फोकस करो और अर्निंग बढ़ाओ, अगर आप जॉब करते हो एक सैलरी फिक्स है तो ये सोचो कि जॉब के बाद एक्स्ट्रा समय मे आप क्या कर सकते हो कि आपकी और अर्निंग बढ़ जाए क्योंकि जितनी ज्यादा अर्निंग बढ़ाओगे उतना ही ज्यादा आप इन्वेस्टमेंट कर पाओगे।

और इन्वेस्टमेंट की अच्छी बात यह है कि एक बार आपको इसे करके छोड़ देना है फिर ना आपको दिमाग लगाना है ना मेहनत करना है और ना टाइम देना है वो पैसा खुद ही ग्रो करता रहेगा।

इसलिये आपको बस अर्निंग बढ़ाने पे ध्यान देना है क्योंकि तभी इन्वेस्टमेंट करने के दरवाजे खुलेंगे।

इसके लिये आपको अपना दिमाग यूज करके पहले अपने अंदर इन्वेस्ट करना है और अपनी स्किल्स बढ़ानी है।

उसके बाद उस स्किल से पैसा कमाना है और जब वो पैसा आ जाए और उसमें भी पैसा बचने लगे उसके बाद उस पैसे को इन्वेस्ट करना है ताकि बिना कुछ करे वो पैसा ग्रो करेगा।

तो चौथा स्टेप यही है कि अपनी लाइफ में फोकस रहो और और अपनी Earning बढ़ाओ, इसके लिये अपने अंदर ही इन्वेस्ट करो बाहर इन्वेस्ट करने के पहले ताकि कल को कोई भी कंपनी वाला आपको हटा दे तो आप सीना तान के खड़े होके बोल सको की मेरे पास ये स्किल है कोई भी कंपनी मुझे ले लेगी।

अब आपके पास सब कुछ हो गया है यानी कि लोन आपने खत्म कर दिया, इमरजेंसी फंड रख लिया, हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस ले लिया ताकि आपकी फैमिली सिक्योर हो गई।

आपकी जॉब भी अच्छी खासी चल रही है और अर्निंग अच्छी खासी आ रही है तो अब जो पैसा बच रहा है इसी को हम इन्वेस्ट करेंगे और इसी से हम रिटर्न पाएंगे।

अंतिम शब्द

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